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कविसेना मेनिफेस्टो - हिन्दी
Kavisena Manifesto Hindi
Author: Gunturu Seshendra Sharma
Publisher: Gunturu Seshendra Sharma Memorial Trust
Pages: 307Language: Hindi
आधुनिक काव्यशास्त्र
कविसेना मेनिफेस्टो
Seshendra : Visionary Poet of the Millenium
http:// seshendrasharma.weebly.com
...जीवन के आरम्भ में वह अपनी माटी और मनुष्य से जुड़े हुए रहे हैं।
उसकी तीव्र ग्रन्ध आज भी स्मृति में है जो कि उनकी कविता
और उनके चिन्तन में मुखर होती रहती है।
वैसे इतना मैं जानता हूँ कि शेषेन्द्र का कवि और
विचारक आज के माटीय और मानवीय उत्स से
वैचारिक तथा रचनात्मक स्तर के
साथ-साथ क्रियात्मक स्तर पर भी जुड़ते रहे हैं
और इसका बाह्य प्रमाण उनका ‘कवि-सेना' वाला आन्दोलन है।
यह काव्यात्मक आन्दोलन इस अर्थ में चकित कर देने वाला है
कि सारे सामाजिक वैषम्य, वर्गीय-चेतना, आर्थिक शोषण की
विरूपता-वाली राजनीति को रेखांकित करती हुए भी
शेषेन्द्र उसे काव्यात्मक आन्दोलन बनाये रख सके।
मैं नहीं जानता कि काव्य का ऐसा आन्दोलनात्मक पक्ष
किसी अन्य भारतीय भाषा में है या नहीं,
पर हिन्दी में तो नहीं ही है और इसे हिन्दी में आना चाहिए।
- नरेश मेहता
कवि उपन्यासकार, समालोचक
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता
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• शेषेन्द्र शर्मा आधुनिक युग के जाने-माने विशिष्ट और बहचर्चित महाकवि हैं। प्राचीन भारतीय काव्यशास्त्र, पाश्चात्य काव्यशास्त्र, आधुनिक पाश्चात्य काव्य सिद्धान्त एवं मार्क्सवादी काव्य सिद्धान्त - इन चारों रचना क्षेत्रों के संबन्ध में सोच-समझकर साहित्य निर्माण की दिशा में कलम चलानेवाले स्वप्न द्रष्टा हैं।
• यह मेनिफेस्टो शेषेन्द्र की उपलब्धियों को दर्शाता है। यह पूर्व, पश्चिम और मार्क्सवादी काव्यदर्शनों का सम्यक तुलनात्मक अनुशीलन प्रस्तुत करता है। इसी कारण से शेषेन्द्र सुविख्यात हुए हैं।
• यह मेनिफेस्टो साहित्य के विद्यार्थियों के लिए दिशा निर्देशक और काव्यशास्त्र के शिक्षकों के लिए मार्गदर्शक है। यह तुलनात्मक दृष्टि से काव्यशास्त्र विज्ञान के अनुशीलन का रास्ता प्रशस्त करता है और उस दिशा में काव्यशास्त्रीय विज्ञान के तुलनात्मक अध्ययन को विद्वत जनों के लिए सुगम बनाता भी है।
• 'कविसेना' एक बौद्धिक आन्दोलन है। नए मस्तिष्कों को नवीन मार्ग का निर्देश करता है और सत्य की शक्ति को नई पीढ़ी द्वारा हासिल करने का मार्ग प्रशस्त करता है। मेनिफेस्टो कविता में सामान्य शब्द को चुम्बकीय शक्ति से अनुप्राणित कर ग्रहण करने की पद्धति का प्रशिक्षण प्रदान करता है। इससे सामान्य शब्द साहित्य को एक हथियार (अस्त्र) बनाता है। समस्या एवं प्रगति प्रशस्त होती हैं। शायद भारत में यह पहली बार संभव हो रहा है। कवि अपनी कलम अपने समय के लिए उठा रहा है। इससे उनकी प्रज्ञा का प्रभाव इस देश की जनता के जीवन को उच्चतम चोटी को छू लेने और समस्याओं को सुलझाने की दिशा में मार्गदर्शक हुआ है।
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- कविता भाव चमत्कार और अर्थ चमत्कार
भाव वैचित्रि और अर्थ वैचित्रि है।
- शब्दों की हेराफेरी शब्दों का सर्कस कविता नहीं है।
- कविता एक जीवनशैली है - रोजीरोटी का साधन नहीं।
- कविता एक आत्म कला है - अभूत कल्पना नहीं।
- विशिष्ट भाव और विशिष्ट भाषा अपने रक्त में बहता हुआ असाधारण वाक्य ही कविता है।
- कविता एक मंदिर है - शब्दों और भावों को यहाँ तक कि भगवान को भी स्नान कर उसमें कदम रखना चाहिए।
- जिस प्रकार गद्य में ‘क्या कहा गया है’ महत्मपूर्ण होता है,
उसी प्रकार कविता में ‘कैसे कहा गया है’ महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक चेतना को साहित्यिक चेतना में
परिवर्तित करनेकी क्षमता चाहिए कवि को।
- जीवन की समस्त सामग्री को साहित्यिक सामग्री में
परिवर्तित करने की कलात्मक प्रक्रिया-साहित्यिक चेतना चाहिए कवि में।
- समाज में सिर उठाई संस्कृतियाँ और सभ्यताएँ
कवियों के निरंतर परिश्रम का अनमोल धरोहर है।
- कवियों का असीम परिश्रम सभ्यता को सजीव रखता आया है।
- कवि का कंठ एक शाश्वत नैतिक शंखध्वनी है।
- कवि चलता फिरता मानवता का संक्षिप्त शब्द चित्र है।
- शेषेन्द्र
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महाकवि शेषेन्द्र 92 की जयंती (20-oct-2019) के अवसर पर उनके पुत्र सात्यकी की पेशकश साहित्य जगत् को एक अद्भुत उपहार।

- ₹81
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- ₹378
- ₹108
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