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चाँदनी की वर्षा
Chandini Ki Varsha
Author: Dr.Ainapurapu Ramalingeswara Rao
Publisher: Self Published on Kinige
Pages: 212Language: Hindi
दुष्टिहीन तेलुगु लेखक के द्वारा लिखित, नव्या तेलुगु पत्रिका मे सीरियल के रूप में प्रकाशित, राज्य स्तर पर पुरस्कृत, प्रेमकथा वेन्नल वर्षम् तेलुगु उपन्यास का हिन्दीतर प्रांत के वरिष्ट लेखक डाँ. अइनापुरपु रामलिंगेश्वर राव के द्वारा हिन्दी में अनुदित विशिष्ट उपन्यास चाँदनी की वर्षा।
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कॉलेज में पढ़नेवाली, रेखा प्रशिद्ध कवि, नरहरी की रचनाओं से आकर्षित होती है। प्रत्यक्ष रूप से एक दूसरे को न देखने पर भी पत्राचार के द्वारा दोनों के बीच संबंध जुडता है। दोनों के बीच का आकर्षण प्रेम का रूप ले लेता है। जानीमानी कवयित्रि, कावेरी के द्वारा नरहरी की 'चाँदनी के फूल’ पुस्तक विमोचन सभा में रेखा भी भाग लेती है। वहीं रेखा को मालूम होती है कि नरहरी अंधा है। नरहरी के व्यक्तित्व और उसकी रचनाओं से प्रभावित रेखा पर नरहरी की दृष्टिहीनता का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कविलोगों के साथ किया गया विहार यात्रा, नरहरी के द्वारा स्थापित ‘साइट’ संस्था के सेवा कार्यक्रम रेखा और नरहरी के बीच के प्रेम - रास्ते का दूर कम कर देते हैं। नरहरी और उसका दोस्त, वीरेंद्र दोनों मिलकर ‘चाँदनी’ कलम के नाम पर रेखा की ओर से ‘जेल’ कविता लिखकर रेखा को कवयित्रि बना देते हैं। रेखा नरहरी के साथ अपना जीवन बाँटने के लिए तैयार हो जाती है। कावेरी के द्वारा रेखा की प्रेम कहानी सुनकर रेखा के माता - पिता आग बबुला हो जाते हैं। नरहरी के एक सम्मान सभा में रेखा और नरहरी के बीच में अचानक ‘वर्षा ’ प्रत्यक्ष होती है। वर्षा का नाम सुनते ही नरहरी हक्का - बक्का रह जाता है।
वर्षा कौन है? नरहरी क्यों वर्षा का नाम सुनते ही अपना सुध - बुध खो बैठा? नौजवान नरहरी क्यों दृष्टिहीन बन गया है? अंत में रेखा और वर्षा दोनों में किनको नरहरी अपना जीवन साथी बनाता है? नरहरी और रेखा की प्रेम कहनी का सुखांत किस प्रकार होता है? इन सभी प्रश्नों के जवाबों के लिए पढ़िए ‘चाँदनी की वर्षा ’।
